Sunday, January 20, 2013

गुवाहाटी में अंतराष्‍ट्रीय पर्यटन मार्ट का उद्घाटन

19-जनवरी-2013 18:01 IST
असम के राज्‍यपाल जानकी बल्‍लभ पटनायक ने किया पर्यटन मार्ट का उद्घाटन 
चिरंजीवी का विदेशी पर्यटकों के आगमन में तेजी लाने का आह्वान
इस अवसर पर केन्‍द्रीय पर्यटन मंत्री श्री के. चिरंजीवी ने  कहा कि मार्ट में बड़ी संख्‍या में प्रतिनिधियों के आने से पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में नए पर्यटन केन्‍द्रों की यात्रा के प्रति बढ़ती रुचि का पता चलता है। उन्‍होंने कहा कि भारत तेजी से पर्यटन का प्रमुख केन्‍द्र बनकर उभर रहा है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि पिछले कई वर्षों से देश में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्‍या बढ़ रही हैं लेकिन ऐसे पर्यटकों के आने की दर में तेजी लाने की जरूरत है। पर्यटन मंत्रालय ने दरअसल भारत में विदेशी पर्यटकों के आगमन की दर मौजूदा शून्‍य दशमलव 6 प्रतिशत से बढ़ाकर अगले पांच वर्षों में एक प्रतिशत करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है। पूर्वोत्‍तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपने मंत्रालय की विभिन्‍न पहल का उल्‍लेख करते हुए श्री चिरंजीवी ने कहा कि इस क्षेत्र के लिए मंत्रालय ने योजना बजट का 10 प्रतिशत आवंटित किया था जबकि वास्‍तविक व्‍यय पिछले वर्षों में 10 प्रतिशत से अधिक हुआ है। पर्यटन मंत्री ने विभिन्‍न पक्षों से पर्यटन क्षेत्र को आधुनिक बनाने का दृष्टिकोण विकसित करने, वैश्विक पर्यटन क्षेत्र में आ रहे परिवर्तन के अनुरूप ढलने और पर्यटन की वास्‍तविक क्षमता हासिल करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि मार्ट नियमित आयोजन बन जाएगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि ऐसे मार्ट से इस क्षेत्र को विभिन्‍न बाजारों में प्रदर्शित और पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। तीन दिन के मार्ट में 23 देशों से 85 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, इनमें आसियान देश, बांग्‍लादेश, भूटान, जापान, कोरिया, आस्‍ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्‍पेन, स्‍वीटजरलैंड, स्‍वीडन, ब्रिटेन और अमरीका शामिल हैं। 

विदेशों से आए प्रतिनिधि पूर्वोत्‍तर क्षेत्र और पश्चिम बंगाल के विक्रेताओं के साथ आमने-सामने चर्चा कर सकेंगे। इससे क्षेत्र के पर्यटन उत्‍पादन आपूर्तिकर्ताओं को अंतर्राष्‍ट्रीय और घरेलू खरीददारों तक पहुंचने और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद‍मिलेगी। विदेशी प्रतिनिधियों के अलावा देश के विभिन्‍न भागों से 70 घरेलू खरीददार और भाग ले रहे 9 राज्‍यों से 108 विक्रेता भी मार्ट में शामिल हैं। 

व्‍यापारिक बैठकों के अलावा सांस्‍कृतिक संध्‍या और प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन भी किया जाएगा। राज्‍य सरकार ने विदेशी प्रतिनिधियों के लिए 21 से 28 जनवरी, 2013 के बीच यानी मार्ट के बाद क्षेत्र के राज्‍यों से अवगत होने के लिए टूअर आयोजित किए हैं, इसका मकसद पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के राज्‍यों की विभिन्‍न किस्‍मों के पर्यटन उत्‍पादों के प्रति जागरूकता लाना और प्रतिनिधियों को गंतव्‍य के प्रति अनुभव और प्रारंभिक जानकारी दिलाना है। 

अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटन मार्ट 2013 न केवल पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में आयोजित पहला ऐसा अंतर्राष्‍ट्रीय आयोजन है अपितु भारत के विशिष्ट क्षेत्र पर ध्‍यान केन्द्रित करने के लिए पहला अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटन मार्ट भी है। उम्‍मीद है कि इससे 8 पूर्वोत्‍तर राज्‍यों और पश्चिम बंगाल के पर्यटन उद्यमी-व्‍यापारी एक स्‍थान पर एकत्रित होंगे। (PIB)

वि.कासोटिया/सतपाल/दयाशंकर - 254

Friday, January 18, 2013

गुवाहाटी में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन हाट

23 देशों के करीब 85 क्रेता प्रतिनिधियों ने की भाग लेने  पुष्टि  
देशी और अतंर्राष्ट्रीय बाजारों में पूर्वोत्तर क्षेत्र की पर्यटन क्षमताओं को उजागर करने के लिए, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार, 18 से 20 जनवरी 2013 तक गुवाहाटी में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन हाट का आयोजन कर रहा है। गुवाहाटी में आज इसकी घोषणा करते हुए पर्यटन सचिव श्री परवेज दीवान ने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों तथा विश्व से क्रेता तथा मीडिया प्रतिनिधि उक्त हाट में भाग लेंगे तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र एवं पश्चिम बंगाल के विक्रेताओं से सीधी बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे पर्यटन उत्पाद की आपूर्ति करने वालों की अंतर्राष्ट्रीय तथा देशी क्रेताओं तक पंहुच बनेगी तथा क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। श्री दीवान ने सूचित किया कि 23 देशों के करीब 85 क्रेता प्रतिनिधियों ने हाट में भाग लेने की पुष्टि की है। इसका ब्यौरा नीचे तालिका में दिया गया हैः-

देश
प्रतिनिधियों की संख्या

देश
प्रतिनिधियों की संख्या
ऑस्ट्रेलिया
4

मलेशिया
4
बांग्लादेश
6

म्यांमार
5
भूटान
5

फिलीपींस
1
ब्रूनेई
1

सिंगापुर
7
कंबोडिया
8

स्पेन
1
फ्रांस
2

स्वीडन
1
जर्मनी
3

स्विजरलैंड
1
इंडोनेशिया
2

थाईलैंड
4
इटली
2

यूनाइटेड किंगडम
3
जापान
4

अमेरिका
1
कोरिया
5

वियतनाम
7
लाओ पीडीआर
8





        विदेशी प्रतिनिधियों के अलावा देश के अन्य हिस्सों से करीब 70 घरेलू क्रेता तथा 9 राज्यों के 108 विक्रेता इसमें शामिल होंगे। 19 जनवरी 2013 को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन हाट का उद्घाटन असम के राज्यपाल श्री जानकी बल्लभ पटनायक करेंगे। इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यटन मंत्री श्री चिरंजीवी भी उपस्थित रहेंगे। आयोजन के बारे में विशेष ब्लाग दिसंबर 2012 से परिचालित किया गया है। इस ब्लाग को नियमित रूप से अद्यतन किया जा रहा है। इसे पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट www.incredibleindia.org पर देखा जा सकता है।(PIB)18-जनवरी-2013 17:52 IST
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वि.कासोटिया/यादराम/चित्रदेव-247

Saturday, October 13, 2012

गुवाहाटी परियोजना के लिए निवेश स्‍वीकृति

12-अक्टूबर-2012 17:46 IST
योजना की लागत लगभग 14.2078 करोड़ रूपये 
योजना आयोग ने ‘‘ब्रह्मपुत्र नदी के कटाव से मकाधुज क्षेत्र (जिला कामरूप, असम) की सुरक्षा’’ परियोजना के लिए निवेश को स्‍वीकृति प्रदान की है। योजना की लागत लगभग 14.2078 करोड़ रूपये (2011-12 के मूल्‍य स्‍तर पर) है। 

परियोजना वित्‍त वर्ष 2013-14 तक पूरी हो जाएगी और योजना खाते 31 मार्च, 2014 को बंद कर दिए जाएंगे। राज्‍य वार्षिक योजना के प्रावधानों के अनुसार परियोजना पूरी की जाएगी। असम सरकार का राज्‍य वित्‍त विभाग खर्चों पर नियंत्रण करेगा और स्‍वीकृति राशि के अंतर्गत ही परियोजना को पूरा किया जाएगा। मानसून के पहले और बाद में तथा कार्य के दौरान नियमित रख-रखाव का कार्य राज्‍य सरकार का दायित्‍व होगा। गांवों के अंदर जल निकासी को दुरुस्त करने का काम भी किया जाएगा। मनरेगा की धनराशि को इस उद्देश्‍य के लिए इस्‍तेमाल किया जाएगा। (PIB)


वि.कासोटिया/अरूण/तारा – 4918

Friday, October 12, 2012

Empowering Women-Folk

Assam has innumerable examples of women
Tapati Baruah Kashyap
The Bihu dance is a folk dance from the Indian state of Assam related to the festival of Bihu. This joyous dance is performed by both young men and women, and is characterized by brisk dance steps, rapid hand movement, and a rhythmic swaying of the hips in order to represent youthful passion. Dancers wear traditionally colorful Assamese clothing.  Courtesy Photo SourceIndian Folk Dance
In a human society, each individual can utilize his or her own thoughts and ideas and that is considered to be the basic human right of an individual. But it is a matter of irony that in reality each one of us hardly gets any opportunity to display our own individual ideas. Especially the women the most vulnerable sections of society are often being sidelined from taking any important decision.
Another very important aspect of this point is that women themselves are still ignorant about their own rights and policy formulated especially for them. Since of late modern women has become very conscious of their rights, and empowering the women as a whole has become a new motto of the world around.
Mahatma Gandhi, while defining empowerment of women, had described it as a situation "when women, whom we call abala become sabala, all those who are helpless will become powerful."
Defining the empowerment process is very difficult, since it needs the total encompassment of the real situation of an individual. Empowerment of women in a country like India is yet more difficult, because different communities in this vast country have a long history of injustice and discrimination towards women as a whole. Yet, efforts to empower women began simultaneously with the struggle for India's independence.
Non-government women's organizations have been in existence in this country for a long time. While such women's groups have been pressing the government for establishment of a national-level official forum to exclusively deal with women's issues, it was only in 1992 that the National Commission for Women came into being. The National Commission for Women, which provides a platform for releasing the aspirations of millions of women all over the country, is also the most important consultant for the government on all matters concerning women.
In Assam, the movement for empowerment of women is almost as old as the freedom movement in this part of the country. It dates back to as early as in 1926, when the women attending the Dhubri session of the Asam Sahitya Sabha got together under the leadership of Chandraprabha Saikiani and announced formation of the Asom Mahila Samiti, which was later rechristened as Asom Pradeshik Mahila Samiti. Three years later was established the Tezpur District Mahila Samiti, a major constituent of the Asom Pradeshik Maliha Samiti, and it was under these two banners that the movement for empowerment of women made significant steps in empowering the women folk in Assam.
The long history of Assam is replete with several instances of women's bold and strong roles in spite of their traditional roles in a patriarchal family set up. Women of Assam also played a significant role in the freedom struggle too. Assam has innumerable examples of women who had shown excellence in different fields and who are at par with their male counterparts. Women have also played a significant role in politics also.
Despite these, however, the majority of women in general continue to live in a state of deprivation, ignorance and neglect in Assam, which has led to a situation where they are compelled to lag behind their counterparts elsewhere in the country. The gender difference in work participation, for instance, is considerably high in Assam (being 29) and is as bad as Bihar, Uttar Pradesh and Orissa. Even states like Rajasthan and Madhya Pradesh, which are supposedly lower-placed than Assam, have smaller gender gaps in work participation. Among the states of the Northeast too, Assam's position in this aspect is the worst.
Similarly, infant mortality rate (IMR) in Assam (74 per 1000 live births) is also higher than the national average. It is even more alarming in the rural Assam, with 79.5 girl infants dying before completion of one year of age. Prevalence of anaemia among married women in Assam (69.7%) is also higher than the national average (51.8%). Likewise, the gross dropout rate of girls in Assam in the Class I to X stage is 77.92% (national average is 70.60%). Yet another alarming indicator is life expectancy at birth. Latest official statistics have revealed that while the national average of life expectancy among women stands at 66.91 years, in the case of women in Assam it is as low as 60.87 years.
The above few indicators only speak of the deplorable state of women in Assam and these are the direct outcome of widespread ignorance among women, which again stems from lack of awareness and facilities to acquire basic knowledge and information. This has also led to lack of economic empowerment of women.
But, it is an established fact that once so advanced women members of our society are now in a disadvantageous position. Everywhere women are being left powerless, as compared with their male counterparts. Although the educated and women belonging to the middle and upper middle classes are marching forward, yet those belonging to the lower or rural areas are still to know their basic rights. Their existence as women on the globe is still to be realized.
So, those who are in an advantageous position should come forward to help their copartners. The need of the hour is to empower those underpowered sections of our society. The first step in this connection is to empower the women folk and make them understand their basic rights like political, social, legal and their reproductive rights or rights of their body.
It can be ascertained that a large number of crimes are being committed in our society because of women's ignorance of their own rights. The cases of domestic violence also tend to rise abruptly because few women belonging to the rural areas know that there is law to help them resolve their domestic problems. Apart from their legal securities, very few rural women know their reproductive rights also. As a result frequent pregnancies at a young age make women weak and undernourished. A less healthy mother gives birth to weak, feeble and disease-prone babies. This fact ultimately adds to the statistics of MMR and IMR.
The modern concept of empowering women as a whole also means sensitizing all sections of the society, which includes men too. But the reality is quite different, and thus there is every need to awaken the womenfolk in particular and make them aware of their genuine rights so that they can realize the worth of their existence as women and also can participate with the male folk in any field of decision making of the society. (PIB)    Empowering Women-Folk

Saturday, September 29, 2012

A public rally in Dibrugarh

A rally on Bharat Nirman
A public rally on Bharat Nirman organised by the Directorate of Field Publicity, Dibrugarh in association with the Press Information Bureau, Guwahati at Duliajan, in Dibrugarh District of Assam on September 28, 2012. (PIB)                    28-September-2012

Monday, September 17, 2012

राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण दल

गुवाहाटी का दौरा 18-19 सितम्‍बर 2012 को
NDMA
राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण- एनडीएमए के सदस्‍य श्री वी.के. दुग्‍गल और श्री के.एम. सिंह 18-19 सितम्‍बर 2012 को गुवाहाटी के दौरे पर जायेंगे, जिसमें वे आपदा प्रबंधन संबंधी प्रभारी मंत्री, मुख्‍य सचिव, पुलिस महानिदेशक और असम के अन्‍य वरिष्‍ठ आधिकारियों के साथ असम में हाल में आई बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करेंगे। एनडीएमए दल इसका भी विश्लेषण करेगा कि भविष्‍य में मौजूदा अग्रिम चेतावनी प्रणाली में सुधार, तैयारी तथा संकट की स्थिति में कमी लाने के क्‍या उपाय किये जा सकते हैं तथा भारत सरकार द्वारा इसके लिए क्‍या सहायता मुहैया कराई जा सकती है। 
एनडीएमए के इस दल के साथ श्री बी.एस. अग्रवाल, संयुक्‍त सलाहकार (मिटिगेशन प्रोजेक्‍ट्स) और डॉक्‍टर एस.के. जेना, वरिष्‍ठ शोध अधिकारी भी जायेंगे। 
समीक्षा बैठक में श्री सी.के. अग्रवाल, मुख्‍य अभियंता, शिलांग/गुवाहाटी के केन्‍द्रीय जल आयोग कार्यालय से दीपक कुमार, अधीक्षण अभियंता (समन्‍वय), भारतीय मौसम विभाग गुवाहाटी के श्री अवदेश कुमार, गुवाहाटी के प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्‍थान के फैकल्‍टी सदस्‍य, ब्रह्मपुत्र बोर्ड के अध्‍यक्ष काशीन्‍द्र यादव, पूर्वोत्‍तर अंतरिक्ष केन्‍द्र शिलांग के डॉक्‍टर दिगम्‍बर बर्मन और राष्‍ट्रीय आपदा कार्रवाई बल बटालियन के कमांडेंट श्री ए.के. सिंह भी भाग लेंगे। (पत्र सूचना कार्यालय)
17-सितम्बर-2012 18:40 IST
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NDMA Team to Visit Guwahati

To review the recent floods in Assam  
NDMA
Shri V.K. Duggal and Shri K.M. Singh, members of National Disaster Management Authority (NDMA), will be visiting Guwahati on September 18-19, 2012 to review the recent floods in Assam with the Minister incharge of Disaster Management, Chief Secretary, DGP and other senior officers of Assam. The team will also analyse as to what can be done to improve the existing early warning, preparedness response and mitigation systems for future and what assistance can be provided by the Govt. of India in this regard. 
The Members will be accompanied by Shri B.S. Aggarwal, Jt. Advisor (Mitigation Projects) and Dr. S.K. Jena, Senior Research Officer. 
S/Shri C.K. Agrawal, Chief Engineer, Deepak Kumar, Superintendent Engineer (Coordination) from the office of Central Water Commission, Shillong/Guwahati, Shri Avdesh Kumar from India Meteorological Department, Guwahati, Faculty Member from Administrative Training Institute, Guwahati and Shri Kashindra Yadav, Chairman, Brahmaputra Board and Dr. Digmber Barman from North Eastern Space Application Centre, Shillong, and Shri A.K. Singh, Commandant, NDRF Batallion, Guwahati will also be attending the meeting.(PIB)
 17-September-2012 17:43 IST
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